दिल्ली के सरकारी स्कूलों में होंगी अब तीन तरह की लाइब्रेरियां
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में होंगी अब तीन तरह की लाइब्रेरियां
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प्राइमरी, माध्यमिक और सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं के लिए होंगी अलग-अलग लाइब्रेरियां ,फाइनेंस विभाग ने लाइब्रेरी की ग्रांट बढ़ाने का पास किया प्रपोजल
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एसके गुप्ता| नई दिल्ली
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दिल्लीसरकार ने अपने स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए स्कूलों में तीन-तीन लाइब्रेरी खोलने के निर्देश जारी किए हैं। इससे बच्चों को लाइब्रेरी के अंदर बैठकर पढ़ने की आदत बनेगी। शिक्षा निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि इसके लिए स्कूलों में लाइब्रेरी की ग्रांट (किताबों के लिए मिलने वाली धनराशि) भी बढ़ाई गई है। शिक्षा निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर (प्लानिंग) केके सतीजा ने स्कूलों को लाइब्रेरी के ढांचे में सुधार के लिए निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि अब स्कूलों के अंदर नर्सरी से कक्षा पांचवीं तक अलग लाइब्रेरी होगी। 400 स्कूलों में कक्षा छठी से दसवीं तक अलग लाइब्रेरी बनेगी। ऐसे ही स्कूलों के अंदर सीनियर सेकेंडरी कक्षा के छात्रों के लिए अलग से लाइब्रेरी बनेगी। अभी तक स्कूलों को लाइब्रेरी के लिए केवल 25 हजार रुपए की ग्रांट दी जाती थी। इसमें प्राइमरी विंग के लिए लाइब्रेरी का प्रावधान नहीं था। दसवीं कक्षा तक के लिए 10 हजार रुपए और सीनियर सेकेंडरी तक की कक्षाओं के लिए 15 हजार रुपए दिए जाते थे। अब प्राइमरी कक्षाओं के लिए 10 हजार, छठी से दसवीं तक 25 हजार और ग्यारहवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं के लिए 25 हजार रुपए लाइब्रेरी में किताबों उनके रख-रखाव के लिए दिए जाएंगे। इस प्रस्ताव को सरकार की फाइनेंस कमेटी में भी मंजूरी मिल चुकी है। फिलहाल शिक्षा निदेशालय की ओर से स्कूलों को यह सूची भेजी जाएगी कि कौन सी किताबें लाइब्रेरी में होनी जरूरी हैं। |
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