पटना यूनिवर्सिटी के दरभंगा हाउस की लाइब्रेरी का हाल-बेहाल है. यहां की कोई लाइब्रेरी असिस्टेंट लाइब्रेरियन, तो कोई चपरासी की बदौलत चल रही है. रिटायर्ड होने के बाद से अब तक नहीं हुई है लाइब्रेरियन की नियुक्ति.
पटना : पटना यूनिवर्सिटी का दरभंगा हाउस. कहने को तो यहां एक दर्जन से अधिक पुस्तकालय है. यानी हर विभाग का अपना पुस्तकालय. लेकिन, इनकी स्थिति ‘हरि अनंत हरि’ कथा अनंता वाली है.
किसी लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन नहीं हैं. कोई चपरासी के भरोसे चल रहा है, तो किसी लाइब्रेरी को यूनिवर्सिटी द्वारा छह हजार मानदेय पर रखे गये एडहॉक के रूप में असिस्टेंट लाइब्रेरियन चला रहे हैं. इस व्यवस्था के चलते परेशानी स्टूडेंट्स को होती है. हिस्ट्री, पोलिटिकल साइंस, कॉमर्स, इकोनॉमिक्स समेत तकरीबन सभी पुस्तकालयों की हालत कमोबेस एक जैसी है.
हिस्ट्री विभाग सबसे बड़ा
हिस्ट्री विभाग की लाइब्रेरी सबसे बड़ी और समृद्ध है. लेकिन, इसकी हालत भी ठीक नहीं है. कभी यहां चार-चार लाइब्रेरियन होते थे, लेकिन आज एक भी लाइब्रेरियन नहीं है. फिलहाल एक चपरासी और यूनिवर्सिटी द्वारा नियुक्त किये गये एक असिस्टेंट लाइब्रेरियन के भरोसे चल रही है यह लाइब्रेरी. असिस्टेंट लाइब्रेरियन राजकिशोर सिंह ने बताया कि इस लाइब्रेरी में करीब 65 हजार से अधिक किताबें हैं. इस बार कुछ नयी किताबें भी आयी हैं, लेकिन किताबें ठीक तरीके से रखने की जगह नहीं है. कम जगह में ज्यादा छात्रों के पढ़ने की सुविधा नहीं दी जा सकती है, इसलिए अधिकतर छात्र इच्छा रहते हुए भी लाइब्रेरी का फायदा नहीं उठा पाते.
कई लोगों की संवरी है किस्मत
हिस्ट्री विभाग की लाइब्रेरी का समृद्ध इतिहास रहा है. यहां पढ़ कर कई स्टूडेंट्स ने देश-दुनिया में अपना नाम रोशन किया है. इसमें राज्य के पहले मुख्यमंत्री श्री बाबू, आचार्य किशोर कुणाल, एसएस असगरी, प्रो. आरएस शर्मा, प्रो. केके दत्ता, आरसीपी सिन्हा, अशोक सिंह, विश्वरंजन, विजय कुमार समेत अन्य शामिल हैं.
कई सालों से नहीं हुई है बहाली
हिस्ट्री विभाग के प्रो. अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पहले सभी विभागों की लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन होते थे. लेकिन जैसे-जैसे वे रिटायर्ड होते गये, उनकी जगह बहाली नहीं होने से संख्या घटती गयी और आज स्थिति यह है कि किसी भी पुस्तकालय में लाइब्रेरियन नहीं है. डिपार्टमेंट ऑफ अप्लायड इकोनॉमिक्स के हेड चंद्रमा सिंह ने बताया कि अभी पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विभाग में एक असिस्टेंट लाइब्रेरियन हैं, जो एक साथ दो-तीन लाइब्रेरी को देखते हैं. लेकिन
वह भी जल्दी ही रिटायर्ड होने वाले हैं.
दरभंगा हाउस के विभाग
दरभंगा हाउस में 20 से अधिक विषयों में पीजी की पढ़ाई होती है. इसमें अरबी, बंगाली, इंग्लिश, हिन्दी, मैथिली, पर्सियन, संस्कृत, उर्दू, राजनीति विज्ञान, इतिहास, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, वीमेंस स्टडी सर्किल आदि विषय शामिल हैं. सभी विषयों के लिये अलग-अलग लाइब्रेरी है.
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