हाजीपुर, जागरण संवाददाता
सूबे के सूचना परिवहन मंत्री वृशिण पटेल ने यहां कहा है कि वर्तमान समय में लोगों में पढ़ने की प्रवृति खत्म हो रही है। आज के युवा भी पढ़ाई में मेहनत करने के बजाये सफलता का शार्टकट रास्ता इस्तेमाल करते हैं। सरकार की चाहत है कि जगह-जगह मदिरालय नहीं पुस्तकालय खुले।
ये बातें उन्होंने यहां हाजीपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कही। सृष्टि बाल युवा एवं महिला उत्थान मंडल व शिवजी राय मेमोरियल लाइब्रेरी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित पांच दिवसीय बाबू जगजीवन राम स्मृति पुस्तक संस्कृति उत्सव का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार दिल से चाहती है कि राज्य में जगह-जगह मदिरालय नहीं पुस्तकालय हो। थोक भाव में स्कूल खोलकर सरकार सबूत भी दे चुकी है। लेकिन शराब दुकानों के बंद कर देने या अनुज्ञप्ति नहीं देने से शराबखोरी की प्रवृति पर अंकुश लगना नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि शराब दुकान बंद हुए तो पान दुकानों, परचून और किराना दुकानों में असली नहीं नकली शराब बिकने लगेगी। शराब जैसी जहर पीकर जो लोग पचास वर्ष बाद मरते हैं वे तत्काल मरने लग जाऐंगे। अपने पैतृक गांव का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि लोगों ने सामूहिक प्रयास से गांव में खोले गए लाईसेंसी शराब दुकानों को बंद कराया उसके अगले ही दिन से पान, परचून और किराना दुकानों में शराब बिकने लग गई। शराब बिक्री के खिलाफ लोगों को सामूहिक रूप से न केवल संकल्प लेने पडे बल्कि गांव के लोगों ने दृढ़ इच्छा शक्ति का भी परिचय दिया। उन्होंने कहा कि सामूहिक रुप से ऐसी ही पहल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को राजस्व की चिंता नहीं है डर इस बात की है कि पाबंदी की स्थिति में नशे के लिए और कोई जानलेवा तौर-तरीकों का इस्तेमाल न शुरु कर दिया जाए। बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि के अवसर पर पुस्तक संस्कृति उत्सव का आयोजन किए जाने पर आयोजक को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आज के समय में पुस्तकालय खोलने जैसा पुनीत कार्य करना वास्तव में साहस का काम है। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में पुस्तक पढ़ने की प्रवृति खत्म हो रही है। पढ़े-लिखे आम लोगों की बात दूर रही विद्यार्थी भी पुस्तक से विमुख हो रहे हैं। सफलता के लिए शार्टकट का इस्तेमाल किया जा रहा है। किताब के पन्ने पलटने के बजाये कम्प्यूटर पर वेव पेज खोलने का प्रचलन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में कम्प्यूटर चाहे कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो वह पुस्तकों की बराबरी नहीं कर सकता। माना कि इस मशीनी बक्से में जानकारियों का खाजाना है लेकिन वह लोगों को मानसिक रुप से बीमार बना रही है इसे कतई नही भूलना चाहिए। बाबू जगजीवन राम के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि आज के राजनीतिज्ञों को उनसे प्रेरणा लेने की जरुरत है।
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